भूमिका:
भारत-पाक युद्ध 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे निर्णायक संघर्ष माना जाता है। यह युद्ध 3 से 16 दिसंबर 1971 तक चला और इसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। यह युद्ध मुख्यतः पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक असंतोष के कारण शुरू हुआ।
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1. पृष्ठभूमि
पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान का विभाजन
1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान दो भागों में बंटा:
पश्चिमी पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान)
पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश)
पश्चिमी पाकिस्तान का राजनीतिक और आर्थिक प्रभुत्व था, जबकि पूर्वी पाकिस्तान की भाषा, संस्कृति और आर्थिक आवश्यकताओं की अनदेखी की गई।
शेख मुजीबुर रहमान और बंगबंधु आंदोलन
1970 के आम चुनावों में पूर्वी पाकिस्तान की अवामी लीग ने बहुमत हासिल किया।
पश्चिमी पाकिस्तान ने सत्ता हस्तांतरण से इनकार कर दिया।
पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह और मुक्ति संग्राम की शुरुआत हुई।
ऑपरेशन सर्चलाइट:
25 मार्च 1971 को पाकिस्तान की सेना ने ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया, जिसमें लाखों बंगाली नागरिकों की हत्या हुई। इसने शरणार्थी संकट और भारत की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।
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2. भारत की भागीदारी के कारण
शरणार्थी संकट:
पाकिस्तान की सेना द्वारा की गई हिंसा के कारण लगभग 1 करोड़ शरणार्थी भारत आए।
मानवाधिकार हनन:
बंगालियों पर किए गए अत्याचारों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की।
राष्ट्रीय सुरक्षा:
इतने बड़े पैमाने पर शरणार्थियों का आगमन भारत की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के लिए खतरा बन गया।
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3. युद्ध की शुरुआत
3 दिसंबर 1971:
पाकिस्तान ने पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय हवाई अड्डों पर हमला किया, जिससे भारत युद्ध में शामिल हो गया।
पूर्वी मोर्चे पर भारतीय सेना:
भारतीय सेना ने बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर कार्रवाई की।
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4. युद्ध की प्रमुख घटनाएं
पूर्वी पाकिस्तान में भारतीय सेना का अभियान:
भारतीय सेना ने तीन मोर्चों से हमला किया।
ढाका को घेर लिया गया।
पश्चिमी मोर्चा:
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और राजस्थान में कई क्षेत्रीय लाभ हासिल किए।
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5. परिणाम
16 दिसंबर 1971:
पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया। 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया।
बांग्लादेश का निर्माण:
यह युद्ध बांग्लादेश के निर्माण और स्वतंत्रता में परिणत हुआ।
पाकिस्तान को बड़ा झटका:
राजनीतिक: पूर्वी पाकिस्तान का अलग होना।
सैन्य: बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण।
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6. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सोवियत संघ:
भारत का समर्थन किया।
अमेरिका और चीन:
पाकिस्तान का समर्थन किया, लेकिन हस्तक्षेप सीमित रहा।
संयुक्त राष्ट्र:
संघर्ष को रोकने की कोशिश की लेकिन निर्णायक रूप से असफल रहा।
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7. महत्व और प्रभाव
भारत:
क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभरा।
पाकिस्तान:
राजनीतिक और सैन्य अस्थिरता।
बांग्लादेश:
एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ।
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निष्कर्ष
1971 का भारत-पाक युद्ध केवल सैन्य जीत नहीं था, बल्कि यह न्याय, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष का प्रतीक था। इसने दक्षिण एशिया की राजनीति को स्थायी रूप से बदल दिया और भारत को एक मजबूत क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित किया।
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