राजीव गांधी ने भारत में कंप्यूटर, टेलीकॉम, शिक्षा और IT क्रांति की नींव रखी। जानें तकनीकी भारत की शुरुआत और उनके दूरदर्शी फैसले।
राजीव गांधी और तकनीकी भारत की शुरुआत — एक नई डिजिटल सुबह
भारत में तकनीकी बदलाव एक दिन में नहीं आया। यह एक लंबी यात्रा थी, जिसकी मज़बूत नींव 1980 के दशक में रखी गई। इस तकनीकी क्रांति के केंद्र में थे—भारत के 6वें प्रधानमंत्री राजीव गांधी।
उन्हें अक्सर “Modern India के Architect”, "Father of Indian IT Revolution" और “तकनीकी भारत का जनक” भी कहा जाता है।
राजीव गांधी सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं थे—वे दूरदर्शी तकनीक-प्रेमी आधुनिक सोच वाले नेता थे, जिन्होंने भारत को 21वीं सदी की दौड़ में शामिल करने की शुरुआत की।
1. कंप्यूटर क्रांति की शुरुआत (Computer Revolution in India)
1980 के दशक में देश में भय था कि कंप्यूटर आने से नौकरियाँ चली जाएंगी।
लेकिन राजीव गांधी ने कहा—
“कंप्यूटर नौकरी नहीं छीनेंगे, नई नौकरियाँ पैदा करेंगे।”
उन्होंने कंप्यूटर को सरकारी विभागों, रेलवे, एयरलाइंस, बैंकों और शिक्षा संस्थानों में शामिल किया।
✔ उनके प्रमुख कदम:
NIC (National Informatics Centre) का विस्तार
सभी मंत्रालयों को कंप्यूटर से जोड़ना
सरकारी डेटा डिजिटाइजेशन
कंप्यूटर शिक्षा को स्कूल–कॉलेज में शामिल करना
कंप्यूटर इंपोर्ट पर लगने वाले टैक्स कम करना
आज भारत की IT कंपनियाँ—INFOSYS, TCS, WIPRO—जिस ऊँचाई पर हैं, उसका शुरुआती बीज यही था।
2. दूरसंचार क्रांति (Telecom Revolution)
1984 में भारत में फोन लगवाने के लिए 3–7 साल इंतजार करना पड़ता था!
फोन लगाना एक “स्टेटस सिंबल” माना जाता था।
राजीव गांधी ने इस स्थिति को बदलने के लिए C-DOT (Centre for Development of Telematics) बनाया और सम पित्रोदा के साथ मिलकर भारत की टेलीकॉम क्रांति शुरू की।
✔ उपलब्धियाँ
हजारों ग्रामीण टेलीफोन एक्सचेंज
STD/PCO बूथ मॉडल
इलेक्ट्रॉनिक स्विचिंग सिस्टम (ESS)
Digital Telecom नेटवर्क की नींव
अगर आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता है—तो इस क्रांति की शुरुआत 1980s में हुई थी।
3. शिक्षा और युवा नीति (Education & Youth Development)
राजीव गांधी का विश्वास था कि भारत का भविष्य युवाओं में है।
✔ उनके प्रयास
देश की पहली National Education Policy (1986)
Jawahar Navodaya Vidyalayas की स्थापना
IGNOU को मजबूत करना
कंप्यूटर और तकनीकी शिक्षा अनिवार्य बनाना
आज लाखों छात्र NVS और IGNOU से शिक्षा लेकर करियर बना रहे हैं—ये उनकी नीतियों की देन है।
4. ई-गवर्नेंस और डिजिटाइजेशन की नींव
राजीव गांधी ने E-Governance का कॉन्सेप्ट पेश किया जब दुनिया इस शब्द से भी परिचित नहीं थी।
✔ सरकारी दस्तावेज़ों का डिजिटाइजेशन
✔ मंत्रालयों में कंप्यूटर नेटवर्क
✔ सरकारी रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदलना
✔ रेल आरक्षण में कंप्यूटर का उपयोग
आज India Stack, UPI, Aadhaar, Digital India—इन्हीं नीतियों के विस्तार हैं।
5. सुपरकंप्यूटर और वैज्ञानिक अनुसंधान
राजीव गांधी ने C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing)** की स्थापना की।
यही संस्थान बाद में PARAM Supercomputer लेकर आया।
यह भारत की तकनीकी गर्व का पहला बड़ा प्रतीक था।
6. क्यों कहा जाता है—'Modern India के Architect'?
क्योंकि उन्होंने भारत को इस दिशा में आगे बढ़ाया:
कंप्यूटर
डिजिटल दूरसंचार
वैज्ञानिक अनुसंधान
युवा नीति
सूचना तकनीक
आधुनिक शिक्षा
उन्होंने कहा था—
“India is an old country, but a young nation.”
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