शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025

सर जॉन माल्कम और अंग्रेजी शासन की नीतियाँ | British Policy in India under Sir John Malcolm


जानिए सर जॉन माल्कम कौन थे और अंग्रेजी शासन में उनकी नीतियों का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा। यह लेख बताता है कि कैसे माल्कम ने ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार में रणनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक नीतियों के माध्यम से योगदान दिया। इतिहास प्रेमियों के लिए एक गहराई से लिखा गया लेख — पढ़ें और भारत के औपनिवेशिक दौर की असल तस्वीर जानें।



✍️ परिचय

भारत के इतिहास में ऐसे अनेक ब्रिटिश अधिकारी हुए जिन्होंने अंग्रेजी शासन की नींव को मजबूत किया।
सर जॉन माल्कम (Sir John Malcolm) उन प्रमुख अधिकारियों में से थे जिन्होंने भारत में ब्रिटिश सत्ता को सुदृढ़ करने के लिए नीतियाँ बनाईं और लागू कीं। वे न केवल एक प्रशासक थे, बल्कि एक राजनयिक, सैनिक और इतिहासकार भी थे।



🧭 प्रारंभिक जीवन और भारत आगमन

सर जॉन माल्कम का जन्म 2 मई 1769 को स्कॉटलैंड में हुआ था।
1782 में उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में प्रवेश किया और भारत में अपना करियर शुरू किया।
वे मराठा युद्धों, मैसूर के युद्धों और फारस के मिशनों में शामिल रहे। उनकी कुशलता के कारण उन्हें भारत में एक सक्षम राजनयिक माना गया।



⚔️ राजनीतिक और प्रशासनिक नीतियाँ

सर जॉन माल्कम की नीतियाँ अंग्रेजों की “Divide and Rule” नीति से जुड़ी थीं, लेकिन वे हिंसा के बजाय राजनयिक समझौते और प्रशासनिक सुधारों के पक्षधर थे।

1. राजनयिक नीति

माल्कम ने भारतीय शासकों के साथ शांतिपूर्ण समझौते की रणनीति अपनाई।

उन्होंने सिंधिया, होल्कर, और निज़ाम के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे।

फारस (Iran) में ब्रिटिश प्रभाव स्थापित करने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही।


2. प्रशासनिक सुधार

मध्य भारत और मालवा क्षेत्र में शासन व्यवस्था को संगठित किया।

स्थानीय लोगों को प्रशासन में शामिल करने की नीति अपनाई।

राजस्व प्रणाली में पारदर्शिता और कानून व्यवस्था में सुधार किए।


3. शिक्षा और संस्कृति नीति

माल्कम भारतीय संस्कृति और परंपराओं के सम्मान में विश्वास रखते थे।

उन्होंने भारतीयों को ब्रिटिश प्रशासन में प्रशिक्षित करने के लिए शिक्षा का प्रसार बढ़ावा दिया।

वे “Orientalist” विचारधारा के समर्थक थे — यानी भारतीय ज्ञान और परंपराओं को समझने की आवश्यकता पर बल देते थे।


🧠 महत्वपूर्ण योगदान

1812 में “A Memoir of Central India” नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने भारत की राजनीति और संस्कृति पर अपने विचार रखे।

1827 से 1830 तक वे बंबई (Mumbai) के गवर्नर रहे।

बंबई प्रांत में उन्होंने प्रशासनिक सुधार, सड़क निर्माण, शिक्षा संस्थान और व्यापारिक नीतियों को विकसित किया।



⚖️ अंग्रेजी शासन की रणनीतिक नीति

माल्कम ने भारत में ब्रिटिश सत्ता को स्थायी बनाने के लिए तीन स्तरों पर काम किया —

1. राजनयिक नियंत्रण: भारतीय रियासतों को सहयोगी बनाकर सीधा संघर्ष टालना।


2. आर्थिक नियंत्रण: व्यापार और राजस्व नीति के माध्यम से ब्रिटिश लाभ सुनिश्चित करना।


3. सांस्कृतिक नियंत्रण: भारतीय समाज में ब्रिटिश नैतिकता और शिक्षा प्रणाली का प्रभाव स्थापित करना।

📜 आलोचनाएँ और सीमाएँ

कई इतिहासकार मानते हैं कि माल्कम की नीतियाँ “नरम औपनिवेशिकता” (Soft Colonialism) की मिसाल थीं।

उनके सुधारों का अंतिम उद्देश्य भी ब्रिटिश साम्राज्य को मज़बूत करना था, न कि भारतीय जनता को स्वतंत्र बनाना।

भारतीय समाज को अंग्रेजी हितों के अनुसार ढालने की नीति लंबे समय तक प्रभावी रही।

🌍 भारत पर प्रभाव

माल्कम की नीतियों से ब्रिटिश सत्ता का मध्य भारत और पश्चिमी भारत में गहरा प्रभाव पड़ा।
उनके कार्यकाल में आधुनिक शासन व्यवस्था, शिक्षा और सड़क नेटवर्क का विकास हुआ,
लेकिन इसके साथ ही भारत की आर्थिक स्वायत्तता धीरे-धीरे अंग्रेजी नियंत्रण में चली गई।

📖 निष्कर्ष

सर जॉन माल्कम भारतीय इतिहास के उस दौर के प्रतीक हैं जब अंग्रेजी शासन ने
“राजनयिक सहयोग + प्रशासनिक सुधार” के माध्यम से अपनी जड़ें गहरी कीं।
उनकी नीतियाँ भारत के आधुनिक प्रशासनिक ढाँचे की नींव तो बनीं,
लेकिन उनका असली उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य की स्थिरता थी, भारतीय जनता की स्वतंत्रता नहीं।

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यह रहे “सर जॉन माल्कम और अंग्रेजी शासन की नीतियाँ” विषय पर आधारित 10 Multiple Choice Questions (MCQs) —
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🧩 सर जॉन माल्कम और अंग्रेजी शासन की नीतियाँ – MCQs

1. सर जॉन माल्कम का जन्म कब हुआ था?
A) 1759
B) 1769 ✅
C) 1780
D) 1799



2. सर जॉन माल्कम किस देश के नागरिक थे?
A) इंग्लैंड
B) स्कॉटलैंड ✅
C) आयरलैंड
D) वेल्स



3. सर जॉन माल्कम ने किस संस्था की सेना में प्रवेश किया था?
A) ब्रिटिश नेवी
B) रॉयल आर्मी
C) ईस्ट इंडिया कंपनी ✅
D) फ्रेंच आर्मी



4. माल्कम ने भारत में किस क्षेत्र में प्रशासनिक सुधार किए थे?
A) बंगाल
B) पंजाब
C) मध्य भारत और मालवा ✅
D) दिल्ली


5. सर जॉन माल्कम किस विचारधारा के समर्थक थे?
A) लिबरलिज़्म
B) ओरीएन्टलिज़्म ✅
C) इंपीरियलिज़्म
D) नेशनलिज़्म


6. सर जॉन माल्कम किस वर्ष बंबई के गवर्नर बने?
A) 1820
B) 1825
C) 1827 ✅
D) 1831


7. “A Memoir of Central India” पुस्तक किसने लिखी?
A) जेम्स मिल
B) सर जॉन माल्कम ✅
C) विलियम बेंटिक
D) हेनरी हार्डिंग



8. माल्कम की नीति किस प्रकार की थी?
A) हिंसक और कठोर
B) नरम औपनिवेशिकता (Soft Colonialism) ✅
C) सैन्य विस्तारवादी
D) धार्मिक सुधारवादी



9. माल्कम का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A) भारत की स्वतंत्रता
B) भारतीय शिक्षा का विकास
C) ब्रिटिश साम्राज्य की स्थिरता ✅
D) भारतीय उद्योग का विकास


10. निम्नलिखित में से कौन-सा सर जॉन माल्कम का योगदान नहीं था?
A) फारस में ब्रिटिश मिशन
B) मध्य भारत में प्रशासनिक सुधार
C) रेल मार्ग निर्माण ✅
D) “A Memoir of Central India” की रचना




उत्तर-सारांश:
1-B, 2-B, 3-C, 4-C, 5-B, 6-C, 7-B, 8-B, 9-C, 10-C




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