प्रवासी भारतीय दिवस हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। उनके भारत आगमन ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी।
प्रवासी भारतीय दिवस का उद्देश्य:
1. प्रवासी भारतीयों का सम्मान:
इस दिन भारतीय प्रवासी समुदाय की उपलब्धियों और उनकी भारत के विकास में भूमिका को सराहा जाता है।
2. भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध मजबूत करना:
प्रवासी भारतीय दिवस के माध्यम से दुनिया भर में बसे भारतीयों को अपनी मातृभूमि से जोड़ा जाता है।
3. भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार:
यह दिन भारतीय परंपराओं और संस्कृति को प्रवासी भारतीयों के बीच बढ़ावा देने का अवसर भी है।
इतिहास और शुरुआत:
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में भारत सरकार द्वारा की गई थी।
यह आयोजन हर दो साल में एक बार आयोजित किया जाता था, लेकिन अब इसे हर साल आयोजित किया जाता है।
इस दिन को प्रवासी भारतीयों और भारत सरकार के बीच संवाद के एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
मुख्य आयोजन:
प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन, जिसमें प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया जाता है।
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रवासी भारतीयों को "प्रवासी भारतीय सम्मान" से नवाजा जाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस महात्मा गांधी की याद दिलाते हुए प्रवासी भारतीयों की भारत से जुड़ाव और उनकी उपलब्धियों का उत्सव है।
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