हर गोविंद खुराना एक महान भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 1968 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीता। उनकी जयंती 9 जनवरी 1922 को मनाई जाती है।
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जीवन परिचय:
1. जन्म:
उनका जन्म 9 जनवरी 1922 को रायपुर (अब पाकिस्तान में), पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ था।
वह एक साधारण किसान परिवार से थे, लेकिन शिक्षा के प्रति उनका जुनून अद्वितीय था।
2. शिक्षा:
उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की।
बाद में, वह इंग्लैंड गए और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
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वैज्ञानिक योगदान:
1. अनुवांशिकी कोड की खोज:
हर गोविंद खुराना ने डीएनए और आरएनए में मौजूद अनुवांशिकी कोड (genetic code) के कार्य और संरचना को समझाया।
उन्होंने दिखाया कि जीन कैसे प्रोटीन का निर्माण करते हैं।
2. कृत्रिम जीन का निर्माण:
वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने कृत्रिम जीन (Artificial Gene) का निर्माण किया।
यह उपलब्धि आधुनिक बायोटेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग का आधार बनी।
3. नोबेल पुरस्कार (1968):
उन्हें नोबेल पुरस्कार "जीन और प्रोटीन संश्लेषण" पर किए गए उनके शोध के लिए प्रदान किया गया।
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सम्मान और उपलब्धियां:
नोबेल पुरस्कार के अलावा, उन्होंने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए।
अमेरिका ने उन्हें National Medal of Science से सम्मानित किया।
उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में प्रेरणा देने वाले काम किए।
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विरासत:
हर गोविंद खुराना का जीवन इस बात का प्रतीक है कि समर्पण और परिश्रम से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
उनकी उपलब्धियां विज्ञान के क्षेत्र में भारत और दुनिया के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं।
हर गोविंद खुराना को उनकी जयंती पर नमन।
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