मंगलवार, 14 जनवरी 2025

भारतीय सांख्यिकी संस्थान का गठन (1931)

भारतीय सांख्यिकी संस्थान का गठन (1931)

भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) का गठन 17 दिसंबर 1931 को प्रसिद्ध भारतीय सांख्यिकीविद् प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा किया गया था। यह संस्थान भारत और विश्व में सांख्यिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

गठन का उद्देश्य

इस संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सांख्यिकी को एक व्यवस्थित और उपयोगी विज्ञान के रूप में विकसित करना था। ISI ने भारत में सांख्यिकीय पद्धतियों के विकास और उनके व्यावहारिक उपयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रारंभिक चरण

भारतीय सांख्यिकी संस्थान की शुरुआत कोलकाता में प्रशांत चंद्र महालनोबिस के घर से हुई।

संस्थान की स्थापना केवल 25 रुपये की शुरुआती पूंजी से की गई थी।

शुरुआत में यह एक छोटे से अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य करता था, लेकिन समय के साथ यह सांख्यिकी शिक्षा, अनुसंधान, और राष्ट्रीय नीति निर्माण में एक प्रमुख संस्थान बन गया।


प्रमुख योगदान

1. राष्ट्रीय विकास में योगदान:
ISI ने भारत की पंचवर्षीय योजनाओं को बनाने और आर्थिक नीतियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


2. शिक्षा और अनुसंधान:
संस्थान ने सांख्यिकी, गणित, और कंप्यूटर विज्ञान में उच्च शिक्षा और शोध के लिए विश्वस्तरीय कार्यक्रम शुरू किए।


3. सर्वेक्षण और डेटा विश्लेषण:

ISI ने भारत में जनगणना, कृषि सर्वेक्षण, और सामाजिक-आर्थिक डेटा संग्रहण के लिए उन्नत तकनीकों का विकास किया।

संस्थान ने कई उद्योगों और सरकारी योजनाओं में डेटा-आधारित निर्णय लेने में सहायता की।



4. महालनोबिस मॉडल:
संस्थान के संस्थापक, प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने द्वितीय पंचवर्षीय योजना के लिए एक आर्थिक मॉडल विकसित किया, जिसे "महालनोबिस मॉडल" कहा जाता है।



संस्थान की संरचना और विस्तार

भारतीय सांख्यिकी संस्थान का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है।

इसके अन्य प्रमुख कैंपस दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, और तेज़पुर में हैं।

यह संस्थान भारतीय संसद अधिनियम, 1959 के तहत एक राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया।


उल्लेखनीय उपलब्धियां

1. ISI ने भारत को सांख्यिकी और डेटा विज्ञान के क्षेत्र में विश्वस्तर पर पहचान दिलाई।


2. संस्थान से जुड़े कई विद्वानों और शोधकर्ताओं ने वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त की।


3. यह संस्थान सांख्यिकीय गुणवत्ता नियंत्रण और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी है।



आज का महत्व

भारतीय सांख्यिकी संस्थान आज भी भारत के नीति निर्धारण, अनुसंधान, और शिक्षा में अहम भूमिका निभा रहा है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा एनालिटिक्स, और अन्य आधुनिक क्षेत्रों में भी योगदान दे रहा है।

"सांख्यिकी केवल संख्याओं का खेल नहीं है, यह भविष्य को समझने और समाज की बेहतरी के लिए निर्णय लेने का माध्यम है।"

प्रशांत चंद्र महालनोबिस


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