गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा गोवा को पुर्तगाली उपनिवेशवाद से आजाद कराने की याद में मनाया जाता है।
पृष्ठभूमि
गोवा पर पुर्तगालियों का शासन 1510 से चला आ रहा था, और यह भारत में सबसे लंबे समय तक बना रहने वाला यूरोपीय उपनिवेश था।
1947 में भारत की आजादी के बाद भी, पुर्तगाल ने गोवा और उसके आसपास के क्षेत्रों (दमन और दीव) को छोड़ने से इनकार कर दिया।
भारतीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे शांतिपूर्ण तरीके से पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने की कोशिश की, लेकिन पुर्तगाल ने भारत की मांगों को खारिज कर दिया।
ऑपरेशन विजय (1961)
दिसंबर 1961 में, भारत सरकार ने "ऑपरेशन विजय" नामक सैन्य अभियान चलाया।
इस अभियान में भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने हिस्सा लिया।
36 घंटे के इस सैन्य अभियान के बाद, 19 दिसंबर 1961 को गोवा को आजाद कर दिया गया।
इसके साथ ही, दमन और दीव भी पुर्तगालियों से मुक्त हो गए।
महत्व
गोवा, दमन और दीव को 1961 में भारत में शामिल कर लिया गया और बाद में 1987 में गोवा को राज्य का दर्जा दिया गया।
यह दिन गोवा के लोगों की स्वतंत्रता और भारतीय एकता का प्रतीक है।
समारोह
गोवा में इस दिन परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
भारतीय सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने गोवा को आजाद कराने में योगदान दिया।
गोवा मुक्ति दिवस हमें स्वतंत्रता की कीमत और देश की अखंडता के प्रति समर्पण की याद दिलाता है।
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