📜 वैदिक सभ्यता (Vedic Civilization)
कालखंड: लगभग 1500 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक
स्थान: प्रारंभिक काल में पंजाब व अफगानिस्तान से गंगा-यमुना के मैदानों तक विस्तार
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🔍 मुख्य विशेषताएँ:
1. स्रोत:
चार वेद — ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद (धार्मिक और सांस्कृतिक जानकारी के प्रमुख स्रोत)
ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद, वेदांग
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🛕 समाज व्यवस्था:
🔹 वर्ण व्यवस्था:
ब्राह्मण – ज्ञान और शिक्षा
क्षत्रिय – रक्षा और शासन
वैश्य – व्यापार और कृषि
शूद्र – सेवा कार्य
🔹 गृहस्थ जीवन:
संयुक्त परिवार प्रथा
पितृसत्तात्मक समाज
गौ, अन्न और अग्नि का महत्व
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⚔️ राजनीति और शासन:
राजा जन-सभा और सभा द्वारा नियंत्रित होता था
कोई स्थायी सेना नहीं — युद्धकाल में सेना बनाई जाती थी
'राजसूय', 'अश्वमेध' जैसे यज्ञ द्वारा शक्ति प्रदर्शन
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🌾 आर्थिक जीवन:
कृषि प्रधान – गेहूं, जौ, चावल की खेती
गौ (गाय) संपत्ति का प्रतीक
लोहा, तांबा, कपड़ा और बर्तन का प्रयोग
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🌠 धार्मिक जीवन:
देवताओं की पूजा — इंद्र (वर्षा), अग्नि (अग्नि), वरुण (सत्य), सूर्य
यज्ञ और हवन महत्वपूर्ण
मूर्ति पूजा नहीं, बल्कि प्राकृतिक शक्तियों की पूजा
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🎓 शिक्षा और ज्ञान:
गुरुकुल प्रणाली
शिक्षा मौखिक रूप से वेदों के माध्यम से
गणित, खगोलशास्त्र, व्याकरण में ज्ञान
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🏛️ संक्रमण काल (600 ईसा पूर्व की ओर बढ़ते समय):
स्थायी नगरों का विकास
महाजनपदों का उदय
बौद्ध और जैन धर्म की भूमिका आरंभ
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✅ निष्कर्ष:
वैदिक सभ्यता ने भारतीय संस्कृति की नींव रखी — धार्मिक विश्वास, सामाजिक ढांचा, भाषा, दर्शन और ज्ञान की परंपराएँ यहीं से उत्पन्न हुईं। यह काल भारतीय इतिहास का बौद्धिक और सांस्कृतिक आधार स्तंभ है।
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