🏛️ मौर्य साम्राज्य (Maurya Empire)
कालखंड: 322 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व
भारत का पहला विशाल और एकीकृत साम्राज्य, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी।
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🔰 मुख्य शासक:
🟢 1. चंद्रगुप्त मौर्य (322–298 ई.पू.)
स्थापक: मौर्य साम्राज्य की स्थापना चाणक्य (कौटिल्य) की मदद से की।
नंद वंश का अंत कर मगध पर अधिकार।
यूनानी आक्रमणों को रोका (सिकंदर के बाद)।
अंत में जैन धर्म अपनाया और कर्नाटक के श्रवणबेलगोला चले गए।
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🟢 2. बिंदुसार (298–273 ई.पू.)
चंद्रगुप्त के पुत्र, साम्राज्य को और विस्तार दिया।
ग्रीक स्रोतों में "Amitrochates" नाम से वर्णित।
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🟢 3. सम्राट अशोक (273–232 ई.पू.)
मौर्य साम्राज्य का सर्वश्रेष्ठ और सबसे प्रसिद्ध शासक।
कलिंग युद्ध (261 ई.पू.) के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।
धम्म नीति का प्रचार – अहिंसा, सहिष्णुता, नैतिकता।
स्तंभ लेख, शिलालेख, सिंह स्तंभ, चक्र आदि द्वारा शासन नीति प्रचारित।
बौद्ध धर्म को श्रीलंका, अफगानिस्तान, मिस्र तक पहुँचाया।
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🏙️ प्रशासनिक विशेषताएँ:
राजधानी: पाटलिपुत्र
कड़ी प्रशासनिक व्यवस्था
अर्थशास्त्र (कौटिल्य द्वारा) – कर, न्याय, कूटनीति, युद्ध नीति
जासूस तंत्र, नगर व्यवस्था, सैन्य व्यवस्था
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🧭 महत्वपूर्ण विशेषताएँ:
पहला संगठित साम्राज्य जो पूरे भारत को एक किया
विदेशों से संपर्क – यूनान, श्रीलंका, मध्य एशिया
बौद्ध धर्म को संरक्षित और प्रचारित किया गया
मौर्य कला और वास्तुकला (सांची स्तूप, अशोक स्तंभ)
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❌ अंत (185 ई.पू.)
अंतिम शासक बृहद्रथ मौर्य की हत्या उनके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने की
मौर्य साम्राज्य का अंत और शुंग वंश का आरंभ
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✅ निष्कर्ष:
मौर्य साम्राज्य भारतीय इतिहास का गौरवशाली काल था।
राजनीतिक एकता, धर्म और प्रशासनिक श्रेष्ठता का संगम इसी काल में हुआ।
सम्राट अशोक के समय भारत ने नैतिक और सांस्कृतिक रूप से महान ऊँचाइयाँ छूईं।
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