"Main Nastik Kyon Hoon?" भगत सिंह की प्रसिद्ध रचना "Why I am an Atheist" का हिंदी अनुवाद है, जिसमें उनके विचार धर्म, ईश्वर, राजनीति, क्रांति और तर्कशीलता पर आधारित हैं। यह किताब केवल एक लेख नहीं है, बल्कि इसमें उनके जेल से लिखे गए पत्र और डायरी के अंश भी शामिल हैं जो उनके विचारों की गहराई को दर्शाते हैं।
📘 पुस्तक का संक्षिप्त विवरण (Hindi Summary)
पुस्तक का शीर्षक: Main Nastik Kyon Hoon?
मूल लेखक: भगत सिंह
भाषा: हिंदी
प्रकार: निबंध, जेल पत्र, वैचारिक लेख
विषय: नास्तिकता, धर्म, तर्क, स्वतंत्रता संग्राम, क्रांति
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🧠 मुख्य विषयवस्तु:
1. "मैं नास्तिक क्यों हूँ?"
भगत सिंह तर्क, विज्ञान और मानवतावादी विचारों के आधार पर धर्म और ईश्वर की धारणा को खारिज करते हैं।
वह कहते हैं कि क्रांतिकारी होने के नाते उन्हें अंधविश्वास में विश्वास नहीं रखना चाहिए।
2. धर्म और राजनीति पर विचार
भगत सिंह मानते थे कि धर्म को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए।
वह मानते हैं कि धर्म शोषण और जातिवाद को बढ़ावा देता है।
3. जेल डायरी के अंश
जेल में रहते हुए उन्होंने विचार किया कि स्वतंत्रता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और मानसिक भी होनी चाहिए।
उन्होंने समानता, शिक्षा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
4. क्रांति की परिभाषा
भगत सिंह के अनुसार, क्रांति केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि समाज की सोच बदलने की प्रक्रिया है।
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📝 पुस्तक क्यों पढ़ें?
यह पुस्तक आपको स्वतंत्रता संग्राम के वैचारिक पक्ष से परिचित कराती है।
आपको तार्किक सोच, तर्कवादी दृष्टिकोण और वैज्ञानिक विचारधारा को समझने का अवसर देती है।
भगत सिंह की स्पष्टता और साहसिक विचार आपको सोचने पर मजबूर करते हैं।
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📚 कहां उपलब्ध है?
यह किताब हिंदी में विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई है, जैसे कि लोकायत, राजकमल, और वाणी प्रकाशन।
आप इसे Amazon, Flipkart या स्थानीय पुस्तक स्टोर से खरीद सकते हैं।
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