25 दिसंबर: भारत में ऐतिहासिक महत्व
1. क्रिसमस दिवस:
25 दिसंबर को व्यापक रूप से क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है, जो ईसा मसीह के जन्म की याद दिलाता है। भारत में, यह एक राष्ट्रीय अवकाश है, जिसमें ईसाई समुदाय और अन्य लोग उत्सव की भावना का आनंद लेते हैं। भारत भर के प्रमुख चर्च, जैसे कि गोवा, केरल और मेघालय में विशेष मध्यरात्रि प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है।
2. मदन मोहन मालवीय की जयंती:
मदन मोहन मालवीय, एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक, का जन्म 25 दिसंबर 1861 को हुआ था।
उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हिंदू राष्ट्रवाद और शिक्षा सुधार के कट्टर समर्थक थे। मालवीय को 2014 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
3. सुशासन दिवस:
भारत में, सुशासन दिवस प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, जिनका जन्म 1924 में इसी दिन हुआ था।
यह दिन जवाबदेही, पारदर्शिता और शासन सुधारों पर जोर देता है। भारत रत्न से सम्मानित वाजपेयी ने आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देने और भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
4. ऐतिहासिक घटनाएँ:
1919: इस दिन भारत सरकार अधिनियम 1919 के कार्यान्वयन के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा हुई, जिसने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में सीमित मात्रा में स्वशासन की शुरुआत की।
1974: भारत ने अपना पहला विश्व हिंदी सम्मेलन मनाया, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देना था।
5. अन्य उल्लेखनीय उल्लेख:
गोवा की मुक्ति वर्षगांठ समारोह: हालाँकि गोवा 19 दिसंबर 1961 को आजाद हुआ था, लेकिन उत्सव क्रिसमस सप्ताह तक जारी रहता है, जिससे 25 दिसंबर गोवावासियों के लिए दोहरा उत्सव बन जाता है।
ये कार्यक्रम भारत के इतिहास में 25 दिसंबर के सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक महत्व को उजागर करते हैं।
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