भारतीय इतिहास में 7 नवंबर को कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हैं:
ऐतिहासिक घटनाएँ:
1. सर सी.वी. रमन की जयंती (1888)
इस दिन प्रसिद्ध भारतीय भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म हुआ था। उन्हें प्रकाश के प्रकीर्णन पर उनके काम के लिए 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला, जिसे अब "रमन प्रभाव" के रूप में जाना जाता है। भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को उनकी खोज की याद में मनाया जाता है।
2. आज़ाद हिंद सरकार का गठन (1943)
7 नवंबर, 1943 को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के उद्देश्य से जापानी कब्जे वाले सिंगापुर में स्वतंत्र भारत या आज़ाद हिंद सरकार की अनंतिम सरकार की स्थापना की। आज़ाद हिंद फ़ौज (भारतीय राष्ट्रीय सेना) का गठन जापान के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ़ लड़ने के लिए किया गया था।
3. आचार्य कृपलानी की पुण्यतिथि (1982)
आचार्य कृपलानी के नाम से प्रसिद्ध जीवटराम भगवानदास कृपलानी, एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे, जिनका निधन इसी दिन हुआ था। वे भारत की स्वतंत्रता के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे।
4. उत्तराखंड का राज्य दिवस (2000)
7 नवंबर, 2000 को उत्तराखंड को औपचारिक रूप से भारत के 27वें राज्य के रूप में स्थापित किया गया था। शुरुआत में इसका नाम उत्तरांचल था, लेकिन बेहतर शासन और पहाड़ी क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व की क्षेत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए इसे उत्तर प्रदेश से अलग कर दिया गया था। बाद में 2007 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।
5. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर का प्रक्षेपण (2019)
हालांकि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई, 2019 को हुआ था, लेकिन इसके ऑर्बिटर का काम जारी रहा और 7 नवंबर, 2019 को इसने चंद्रमा की सतह पर महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रदान किए, जिससे भारत की चंद्र अन्वेषण क्षमताओं में वृद्धि हुई। ऑर्बिटर अभी भी चालू है और डेटा की आपूर्ति कर रहा है।
अन्य उल्लेखनीय घटनाएँ:
वैज्ञानिक डॉ. होमी जे. भाभा की जयंती (1909)
"भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक" के रूप में जाने जाने वाले होमी जहांगीर भाभा का जन्म इसी दिन हुआ था। उन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम को विकसित करने और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हरिद्वार में दुखद भगदड़ (2011)
उत्तराखंड के हरिद्वार में एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ मचने से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने भारत में बड़े धार्मिक समारोहों में भीड़ प्रबंधन से जुड़े मुद्दों को उजागर किया।
ये घटनाएँ 7 नवंबर को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में चिह्नित करती हैं, जो विज्ञान, राजनीति और स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को दर्शाती हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें